बक्सर खबर (4जून): जेष्ठ मास कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री पूजा मनायी जाती है।यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। जिसमें व्रति महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि वनवास काल के दौरान इस तिथि ने वट वृक्ष के नीचे भगवान राम व सीता जी ने विश्राम किया था। इस लिए महिलाएं अखंड सौभाग्य कल्याण के लिए यह व्रत करती हैं। जिले भर में यह पारंपरिक त्योहार शनिवार को मनाया गया। ऐसी मान्यता है कि वृक्ष में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और अग्र भाग में भगवान शिव का वास होता है।पंडित नरोत्तम द्विवेदी ने बताया कि ऐसी कथा है कि वट वृक्ष के नीचे ही सावित्री ने सत्यावान की मौत पर व्रत रख भगवान से पति के लिए वरदान प्राप्त किया था। पूजन में महिलाएं सावित्री की भी पूजा करती हैं।