बक्सर खबर : हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। भारतीय नव वर्ष चैत्र मास में प्रारंभ होता है। उस तिथि को जिस दिन नवरात्रि का प्रथम दिन होता है। इसी तिथि को ब्रह्माजी ने श्रृष्टि की रचना की थी। भगवान राम की से जुड़े उत्सव का यह पहला दिन होता है। इसे हम वर्ष प्रतिपदा अर्थात नव वर्ष के रुप में मनाते हैं। यह बातें राष्ट्रीय स्वयं सेवक के दक्षिण बिहार के प्रांत कार्यवाह ने बौद्धिक देते हुए कही। उन्होंने बताया कि आज के ही दिन संघ के संस्थापक पूज्य डा. केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्म भी हुआ था। आज के ही दिन विक्रमादित्य ने विदेशी आक्रमण कारियों को हरा कर हिंदू राष्ट्र की स्थापना की थी। पर आज के लोग अपने गौरवशाली अतीत को भुलते जा रहे हैं। वर्ष प्रतिपदा उत्सव संघ के छह प्रमुख उत्सवों में से एक है। इस मौके पर पानी टंकी शाखा से पथसंचलन निकला। जो नगर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ पुन: वहीं जाकर समाप्त हुआ। इसमें विभाग कार्यवाह जयशंकर पांडेय, रविन्द्र राय संघ चालक, सह जिला कार्यवाह बिमल कुमार सिंह, अतुल मोहन नगर संघ चालक, नंद जी वर्मा नगर कार्यवाह, चंदन प्रकाश संपर्क प्रमुख, शिव नरायण सिंह, कृष्णा, अविनाश, मोहन वर्मा आदि प्रमुख स्वयं सेवकों ने हिस्सा लिया। वहीं डुमरांव के सरस्वती विद्यामंदिर में वर्ष प्रतिपदा उत्सव मनाया गया। जिसमें युवराज चन्द्रविजय सिंह, शिवांग विजय सिंह, नर्वेदेश्वर तिवारी, राजू कुशवाहा आदि शामिल हुए।