बक्सर खबर : जिले का सदर अस्पताल। यहां उपचार भी होता है और मुफ्त दवा भी मिलती है। ऐसे सरकार के दावे हैं। सरकारी दावे कितने सच हैं और कितने झूठ। यह कहने की जरुर नहीं। आप हमसे ज्यादा जानते हैं। क्योंकि पब्लिक है, यह सब जानती है। कुछ पाठकों ने हमें यह तस्वीर भेजी है। बुधवार की शाम सदर अस्पताल में पहुंची युवाओं की टोली ने कई जगह से कूड़े-कचरे की तस्वीर ली। उसे बक्सर खबर को भेजा। साथ ही यह बताया, यहां मरीजों को दवा नहीं मिलती। वे तो बाहर से खरीद कर लाते हैं। अस्पताल में बेड पर चादर भी नहीं मिलती। घर से लाई चादर बिछा मरीज यहां अस्पताल में पड़े हैं। यह दशा है इस जिले के अस्पताल की। जहां डीएम स्वयं रहते हैं।
कुछ दिनों पहले उन्होंने व्यवस्था सुधारने के लिए सभी अस्पतालों में फोन कराना प्रारंभ कराया था। तब ड्यूटी चेक हो रही थी। लेकिन यहां जब अस्पताल का सच सामने आया तो तस्वीर देख प्रशासन और राज्य सरकार का चेहरा उजागर हो गया। आप भी पाठकों द्वारा उपलब्ध तस्वीर देखें सच आपके सामने हैं। इसकी शिकायत हम तक पहुंचाने वाले शुभम उपाध्याय, राहुल राज, रवि भारद्वाज, डी गुडाकेश, रविन्द्र राय, एसके सिंह, शंभु सिंह, रवि ठाकुर आदि युवाओं ने कहा अस्पताल में घोर अव्यवस्था कायम है। इसका जिम्मेवार कौन है? हमने इसका हाल जानने के लिए सदर अस्पताल के सिविल सर्जन से संपर्क का प्रयास किया। लेकिन उनका फोन नहीं उठा। इसके बाद अस्पताल के प्रबंधक से संपर्क किया। उनका कहना था, जिस एनजीओ को काम दिया गया है। उसके कर्मचारी वेतन आदि को लेकर हड़ताल पर थे। अब उनकी हड़ताल टूट गई है। जल्द ही साफ-सफाई शुरु हो जाएगी। क्या अस्पताल में अन्य सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। उनका जवाब था हमारे कर्मचारी ड्यूटी पर हैं। प्रतिदिन वे अपना काम करते हैं। उनका यह जवाब और सच को उजागर करती तस्वीरें। कौन सच्चा है यह तो आप भी जानते हैं और यहां का प्रशासन भी।