बक्सर खबर : दिल्ली बुला रही है। पुरी दुनिया आ रही है। विश्व सांस्कृतिक महोत्सव में भारत ही नहीं 155 देशों के लोग पहुंच रहे हैं। 11-12-13 मार्च को ऐसा नजारा देखने को मिलेगा। जो पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का जीवंत करेगा। झारखंड के सहुला नृत्य से लेकर, कथक, भरत नाट्यम, कुच्ची पुड़ी, गर्भा सहित भारत वर्ष में होने वाले सभी पारंपरिक नृत्य कला का प्रदर्शन होगा। महोत्सव की खास बात यह है कि एक साथ तीन सौ से लेकर 2100 कलाकार अलग-अगल ग्रुप मेंअपना प्रदर्शन कर सकेंगे। श्रीश्री रविशंकर जी के प्रयास से भारतीय संस्कृति का यह दुर्लभ संगम देखने को मिलेगा। नृत्य के अलावा चालीस तरह के वाद्य यंत्रों की धुन सुनने को मिलेगी। समारोह का खास बनाने के लिए भारत के अलावा विश्व के ग्यारह अन्य देश के कलाकार भी अपना हुनर दिखाएंगे। जिसमें दक्षिण अफ्रिका का ड्रम, इंडोनेशिया, नेपाल, बंगला देश, श्रीलंका, पाकिस्तान, मंगोलिया, चाइना, ताइवान, मलेशिया, इसिमन, दक्षिण अमेरिका, स्विस, बुलगारिया, जापान आदि देश के लोग मंच से अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। तीन दिनों तक चलने वाले महोत्सव में सांस्कृतिक, अध्यात्मिक व ग्लोबल मिट का आयोजन भी हो रहा है। जो नीति, धार्मिक चेतना व संस्कृति सभी के लिए यादगार पल होगा। एक साथ एक जगह एक आयोजन में शायद ऐसा नजारा देखने को फिर नहीं मिले। जिसमें शामिल होने के लिए यहां से बडी संख्या में लोग दिल्ली जा रहे हैं। ( खबर स्थानीय आर्ट आफ लिविंग के सदस्य दीपक पांडेय से हुई बातचीत पर आधारित है)
बहुत अच्छी जानकारी आप ऐसे ही प्रयाश करते रहिये हम साथ है ।
सब से जादा समश्या है भोजपुरी। गायको से ये जो फूहड़पन है इसे दूर करना चाहिए हमारे समाज को खराब कर रहे है ये लोग ।
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